अनूठी पहल - 16 Lajpat Rai Garg द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें फिक्शन कहानी किताबें अनूठी पहल - 16 अनूठी पहल - 16 Lajpat Rai Garg द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 615 1.4k - 16 - दीपक जब घर आया तो सभी को बड़ी ख़ुशी हुई। सुशीला और कृष्णा ने कई तरह के पकवान तैयार कर रखे थे। प्रभुदास ने सरकार द्वारा प्रदत्त सम्मान पत्र देखकर कहा - ‘दीपक बेटे, इतनी छोटी ...और पढ़ेमें तेरी यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस पत्र को फ़्रेम करवा लेना।’ ‘जी पापा, मैं कल ही फ़्रेम करवा लूँगा।’ कृष्णा ने भी उसे बधाई दी, किन्तु दीपक को उसके चेहरे पर ख़ुशी की कोई झलक दिखाई नहीं दी। उसने पूछा - ‘भाभी, क्या बात है, आपकी तबियत ठीक नहीं है क्या?’ ‘नहीं दीपक, ऐसी तो कोई बात नहीं।’ कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें अनूठी पहल - 16 अनूठी पहल - उपन्यास Lajpat Rai Garg द्वारा हिंदी - फिक्शन कहानी (22) 18.8k 41k Free Novels by Lajpat Rai Garg अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Lajpat Rai Garg फॉलो