हज़ार चौरासी की माँ - भाग 4 Mallika Mukherjee द्वारा नाटक में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें नाटक किताबें हज़ार चौरासी की माँ - भाग 4 हज़ार चौरासी की माँ - भाग 4 Mallika Mukherjee द्वारा हिंदी नाटक 1.1k 3.7k नाटक ‘हज़ार चौरासी की माँ’ मूल बांग्ला उपन्यास - महाश्वेता देवी बांग्ला नाट्य रूपांतर - शांति चट्टोपाध्याय हिन्दी नाट्य अनुवाद - मल्लिका मुखर्जी दृश्य 4 सोमू की माँ: (दरवाज़ा खोलते हुए) ओह! आप! मेरा सोमू....(कहकर रोने लगती है।) ...और पढ़ेकहाँ खो गया दीदी? (सुजाता को सोफ़े पर बिठाती है। दूसरे सोफ़े पर सोमू की माँ बैठती है।) सुजाता: रोकर क्या करोगी बहन? सोमू की माँ: मेरी बेटी भी यही कहती है, माँ रोना नहीं। सोचती हूँ तो दिमाग काम नही करता। सुजाता: ज्यादा मत सोचिए, सिर्फ़ दु:ख बढ़ता जाएगा। सोमू की माँ: आप के बेटे ने कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें हज़ार चौरासी की माँ - भाग 4 हज़ार चौरासी की माँ - उपन्यास Mallika Mukherjee द्वारा हिंदी - नाटक 7.9k 21.7k Free Novels by Mallika Mukherjee अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Mallika Mukherjee फॉलो