हज़ार चौरासी की माँ - भाग 3 Mallika Mukherjee द्वारा नाटक में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें नाटक किताबें हज़ार चौरासी की माँ - भाग 3 हज़ार चौरासी की माँ - भाग 3 Mallika Mukherjee द्वारा हिंदी नाटक 1.3k 3.5k नाटक ‘हज़ार चौरासी की माँ’ मूल बांग्ला उपन्यास - महाश्वेता देवी बांग्ला नाट्य रूपांतर - शांति चट्टोपाध्याय हिन्दी नाट्य अनुवाद - मल्लिका मुखर्जी दृश्य 2 सोमू की माँ: सोमू....मेरे बेटे.... मेरे सोमू को वापस लाओ साहब...वापस लाओ... मैं ...और पढ़ेसे कहीं नहीं जाऊँगी। सोमू ने तो कुछ भी नही किया था फिर उस पर गोली कयों चलाई गई? क्यों चलाई? सरोज: चिल्लाइए मत, कोई भी दूध का धुला नही है। इन समाजविरोधी, लुच्चे, लफ़ंगों ने पूरे शहर की नींद हराम कर रखी है। उनके लिए इतना दरद? निकलो यहाँ से, चलो-चलो हमारा समय नष्ट मत करो, जाओ यहाँ से...( कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें हज़ार चौरासी की माँ - भाग 3 हज़ार चौरासी की माँ - उपन्यास Mallika Mukherjee द्वारा हिंदी - नाटक 8k 21.8k Free Novels by Mallika Mukherjee अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Mallika Mukherjee फॉलो