राजस्थान की कहावतें JUGAL KISHORE SHARMA द्वारा पत्र में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें पत्र किताबें राजस्थान की कहावतें राजस्थान की कहावतें JUGAL KISHORE SHARMA द्वारा हिंदी पत्र 6.2k 7.7k छोटी मोटी कामणी सगळी विष की बेल (छोटी या बड़ी, सभी कामिनियाँ जहर की बल । अथवा विषय वासना की ओर ले जाने वाली हैं।) जवान में ही रस अर जबान में ही बिस। (बोली में ही रस ...और पढ़ेऔर बोली में ही विष रहता है।) जल को दूव्यो तिर कर निकले, तिरियो डूब्यो बह ज्याय। (जल का डूबा हुआ बच कर निकल सकता है, लेकिन जो नारी में आसक्त है, वह अवश्य डूब जाता है।) जी की खाई बाजरी, ऊँकी भरी हाजरी। (जिसका अन्न खाय, उसी की खुशामद की जाती है।) जेठा बेटा र कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें राजस्थान की कहावतें अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी JUGAL KISHORE SHARMA फॉलो