This body is for the benefit of others. book and story is written by Dr. Bhairavsinh Raol in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. This body is for the benefit of others. is also popular in Motivational Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. परोपकारार्थ मिदं शरीरम्। Dr. Bhairavsinh Raol द्वारा हिंदी प्रेरक कथा 1 2.5k Downloads 4.9k Views Writen by Dr. Bhairavsinh Raol Category प्रेरक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण "परोपकारार्थ मिदं शरीरम्"परोपकार शब्द 'पर और उपकार' शब्दों से मिल कर बना है जिसका अर्थ है दूसरों पर किया जाने वाला उपकार। ऐसा उपकार जिसमें कोई अपना स्वार्थ न हो उसे परोपकार कहते हैं।परोपकार का अर्थ है दूसरों की भलाई करना। परोपकार के समान कोई धर्म नहीं है। परोपकार ऐसा कार्य है, जिससे शत्रु भी मित्र बन जाता है।परोपकार एक सामाजिक भावना है। इसी के सहारे इमारा सामाजिक जीवन सुखी और सुरक्षित रहता है। परोपकार की भाषा से ही हम अपने मित्रों, साथियों, परिचितों और अपरिचितों की निष्काम सहायता करते हैं। प्रकृति हमें परोपकार की शिक्षा देती है। परोपकार को More Likes This सामने वाले की पहचान द्वारा Ashish Comfirt Zone द्वारा Ashish मंजिले - भाग 1 द्वारा Neeraj Sharma दादीमा की कहानियाँ द्वारा Ashish तीन दोस्त ( ट्रेलर) द्वारा Varun Kumar एक महान व्यक्तित्व - 1 द्वारा krick बुजुर्गो का आशिष -1 द्वारा Ashish अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी