विविधा - 22 Yashvant Kothari द्वारा कुछ भी में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कुछ भी किताबें विविधा - 22 विविधा - 22 Yashvant Kothari द्वारा हिंदी कुछ भी 768 1.7k 22-श्रद्धया दीयते तत् श्राद्धम् हमारे समाज की मान्यता है कि पितृ पक्ष में ही पूर्वजों की आत्माएं धरती पर पुनः अवतरित होती हैं। घर-परिवार के सदस्य इस समय ही उन मृतात्माओं की शांति के लिए पिंडदान तथा तर्पण करते ...और पढ़ेपिंडदान और तर्पण हमारी संस्कृति का अत्यंत महत्वपूर्ण बिन्दू है। विश्वास है कि पिंडदान और तर्पण से ही आत्मा को मुक्ति मिलती है। ‘श्रद्धया दीयते तत् श्राद्धम्’ सितम्बर के प्रारंभ में ही आश्विन मास का कृप्ण पक्ष आता है जिसे पितरों का पखवाड़ा कहते हैं। इस मास की अमावस्या का सर्वाधिक महत्व है। पूर्वमास की पूर्णिमा से आश्विन की कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विविधा - 22 विविधा - उपन्यास Yashvant Kothari द्वारा हिंदी - कुछ भी (37) 38.1k 90.1k Free Novels by Yashvant Kothari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Yashvant Kothari फॉलो