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दो बहने - 3
Mansi
द्वारा
हिंदी क्लासिक कहानियां
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विवरण
Part 3 नियती वह जुले को देखे जा रही थी, वह सोच रही थी कि यह जुला इतना हिल-डुल क्यों रहा है या फिर यह मेरा वहम है।नियती भागती हुई निशा के पास गई ओर कहा दीदी तुम इस जुले पर मत बैठो कतार से बहार आ जाओ, चलो हम मां ओर पिताजी के पास चलते है। निशा ने कहा नहीं में कहीं नहीं जाऊंगी मे तुम्हारी तरह डरपोक नहीं हूं तुम चली जाओ यहां से। नियती ने निशा को बहुत समझाया कि वह उस जुले पर ना बैठे लेकिन निशा ने उसकी एक नहीं सुनी।नियती फिर जहा खड़ी थी
प्रीतमपुरा गाओ मे एक मध्यम वर्गीय पति पत्नी रहते थे जिनका नाम सरला ओर खिमजी था।उनकी १५ ओर १६ साल की दो बेटियां थी एक निशा ओर दूसरी नियती।निशा नियती से...
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