मेरे शब्द मेरी पहचान - 15 Shruti Sharma द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कविता किताबें मेरे शब्द मेरी पहचान - 15 मेरे शब्द मेरी पहचान - 15 Shruti Sharma द्वारा हिंदी कविता 885 3.5k आज की कविताएं :-)1.) अँधेरा ।2.) तपना ज़रूरी है ।देखा जाए तो रौशनी आँखो को धूमिल करती है और अंधेरा आँखो में पडी धूल को हटाने में मददगार है । अंधेरा आपके अस्तित्व को बनाए रखता है परंतु ...और पढ़ेआपको मुखौटे पहनने पर मजबूर कर देती है । रात काली ज़रूर होती है मगर याद रखना की चाँद का अस्तित्त्व अंधेरे से ही है । ---- अंधेरा ---- * की अंधेरा हालात नहीं बदलता ,जज़्बात कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें मेरे शब्द मेरी पहचान - 15 मेरे शब्द मेरी पहचान - उपन्यास Shruti Sharma द्वारा हिंदी - कविता (113) 13.4k 76.7k Free Novels by Shruti Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Shruti Sharma फॉलो