वेश्या का भाई - भाग(१६) Saroj Verma द्वारा क्लासिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें क्लासिक कहानियां किताबें वेश्या का भाई - भाग(१६) वेश्या का भाई - भाग(१६) Saroj Verma द्वारा हिंदी क्लासिक कहानियां 858 1.9k गुलनार और नवाबसाहब को ये मालूम नहीं चला कि उन दोनों की बातें परदे के पीछे से बहु-बेग़म सल्तनत सुन रहीं थीं,दोनों की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए सल्तनत फौरन ही सादे कपड़ो में बुर्का डालकर एक नौकर ...और पढ़ेमंगल की कोठरी का पता पूछते हुए वहाँ जा पहुँचीं,वहाँ मंगल तो मौजूद नहीं था लेकिन रामजस मौजूद था,वो शायद दोपहर का खाना खाने आया था,तभी सल्तनत ने रामजस से पूछा.... मंगल कहाँ हैं? जी! अभी वें कुछ देर पहले ही यहाँ से खाना खाकर गए हैं,रामजस बोला।। ओहो....तब तो देर हो गई हमें,सल्तनत बुर्के के भीतर से ही कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें वेश्या का भाई - भाग(१६) वेश्या का भाई - उपन्यास Saroj Verma द्वारा हिंदी - क्लासिक कहानियां (152) 22.8k 44.2k Free Novels by Saroj Verma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Saroj Verma फॉलो