jijivisha book and story is written by amit kumar mall in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. jijivisha is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. जिजीविषा amit kumar mall द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 2.6k Downloads 6.5k Views Writen by amit kumar mall Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण बेडरूम से निकलते समय बीरेन्द्र ने कहा , - जाकर नहाकर , अपने कपड़े पहन कर चली जाओ । बाथरूम में जाकर , उसने साबुन से अपने शरीर को रगड़कर साफ करने लगी ताकि उसके शरीर और मन का मैल साफ हो जाय। पानी के प्रवाह ने जड़ हो चुके शरीर व भावशून्य चेहरे में संवेदना जगा दी । एकाएक उसे बहुत जोर की रुलाई आई , वह अपने आप को रोक नही पाई । बाथरूम की दीवाल पकड़ कर रोने लगी। टोंटी के पानी के साथ साथ उसके आँसू भी बहने लगा ।रुलाई के बीच उसका आहत मन , More Likes This बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 द्वारा सीमा कपूर My Devil Hubby Rebirth Love - 23 द्वारा Naaz Zehra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी