वह अब भी वहीं है - 5 Pradeep Shrivastava द्वारा उपन्यास प्रकरण में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें उपन्यास प्रकरण किताबें वह अब भी वहीं है - 5 वह अब भी वहीं है - 5 Pradeep Shrivastava द्वारा हिंदी उपन्यास प्रकरण 741 2.2k भाग - 5 मैंने देखा कि मैं संकुचा रहा था और वह बेखौफ, बिंदास थी। मैं अब-तक यह सोचकर परेशान होने लगा कि, आखिर ये इसकी दोस्त कैसे हो गई? रातभर दूसरे मर्द के साथ क्या कर रही है? ...और पढ़ेहै तो ये दोस्त क्यों बता रहा है। मुझे लगा फितरती बाबूराम कुछ नया खेल, खेल रहा है। वह मुझे ज़्यादा कुछ सोचने का मौका दिए बिना तेज़ी से बाहर गया और दो पॉलिथिन लिए हुए वापस लौट कर बोला, 'विशेश्वर मैं होटल से खाना लेकर आया हूं, आओ खाते हैं।' यह कहते हुए उसने बिना किसी संकोच के साथ कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें वह अब भी वहीं है - 5 वह अब भी वहीं है - उपन्यास Pradeep Shrivastava द्वारा हिंदी - उपन्यास प्रकरण (81) 34.6k 102.1k Free Novels by Pradeep Shrivastava अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Pradeep Shrivastava फॉलो