इश्क फरामोश - 17 Pritpal Kaur द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें प्रेम कथाएँ किताबें इश्क फरामोश - 17 इश्क फरामोश - 17 Pritpal Kaur द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 1.2k 3.5k 17. कभी यूँ भी होता तीन दिन बाद जब किरण ऑफिस जा रही थी फिर रौनक का फ़ोन आया. “हेल्लो" फ़ोन ब्लूटूथ पर था. किरण खुद ड्राइव कर रही थी. ड्राईवर आज छुट्टी पर था. “हाय किरण.” हमेशा की ...और पढ़ेरौनक ने कहा. और इसके बाद बावजूद कि फ़ोन उसने खुद किया था वो किरण के कुछ बोलने का इंतज़ार करता रहा था. ये उसकी पुरानी आदत है. किरण जानती है. मगर अब वो पुरानी वाली किरण नहीं है. वो भी इंतज़ार करती रही. कुछ देर चुप्पी छाई रही. कोई कुछ नहीं बोला. आखिर रौनक को बोलना ही पडा. “आज कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें इश्क फरामोश - 17 इश्क फरामोश - उपन्यास Pritpal Kaur द्वारा हिंदी - प्रेम कथाएँ 27.4k 79.9k Free Novels by Pritpal Kaur अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Pritpal Kaur फॉलो