Fokat Ki Kamai book and story is written by Vijay Tiwari Kislay in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Fokat Ki Kamai is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. फोकट की कमाई Vijay Tiwari Kislay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 1 2.1k Downloads 7.7k Views Writen by Vijay Tiwari Kislay Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कोरी बातों से पेट नहीं भरता। पेट की आग बुझाने के लिए हाथ पैर भी चलाने पड़ते हैं। हमें इसका भी भान होना चाहिए कि पैर पेट की ओर, पेट के लिए ही मुड़ते हैं। पर, दीनू को इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। मंदिर के बाहर बैठे बैठे ही जब भक्तजन भरपूर भोजन, फल-फूल, कपड़े और पैसे दे जाते हैं, तो हाथ पैर क्यों चलाए जाएँ। बड़ी अजीब बात है ग्रेजुएट दीनू की, जो पढ़-लिखकर भी भिखारी बना बैठा है। किसी ने बताया कि वह दूर दराज गाँव का More Likes This पीड़ा में आनंद - भूमिका द्वारा Ashish Kumar Trivedi एक समय ऐसा भी आएगा - 1 द्वारा Wow Mission successful रौशन राहें - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi अहम की कैद - भाग 1 द्वारा simran bhargav भूलभुलैया का सच द्वारा Lokesh Dangi बदलाव ज़रूरी है भाग -1 द्वारा Pallavi Saxena आशा की किरण - भाग 1 द्वारा Lokesh Dangi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी