जीवन ऊट पटाँगा - 8 - सोने का हार Neelam Kulshreshtha द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

Jivan unt pataanga द्वारा  Neelam Kulshreshtha in Hindi Novels
ज़िंदगी होती है बेतरतीब, बड़ी ऊट पटाँग, थोड़ी सी बेढब, थोड़ी सी खट्टी मीठी, हंसी और आँसुओं की पोटली, अकल्पनीय बातें आपके रास्ते में फेंकती आपको बौखलाती हु...

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