अभी तो ये अंगड़ाई है .. ( व्यंग्य ) Alok Mishra द्वारा हास्य कथाएं में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें हास्य कथाएं किताबें अभी तो ये अंगड़ाई है .. ( व्यंग्य ) अभी तो ये अंगड़ाई है .. ( व्यंग्य ) Alok Mishra द्वारा हिंदी हास्य कथाएं 726 6.1k अभी तो ये अंगड़ाई है .... एक दिन शहर की एक रैली में लोग जोर-जोर से नारे लगा रहे थे ‘‘ अभी तो ये अंगड़ाई है.....आगे और लड़ाई है ।’’ सड़क ...और पढ़ेकिनारे एक दुकान पर उतनी ही जोर से गाना बज रहा था ‘‘ अंगड़ाईयाॅं लेती हूॅं जो मैं जोर-जोर से ......।’’मैं सोचने लगा कि किसकी अंगड़ाई पर कंसन्ट्रेट करुॅं ? मेरे बुद्धिवादी होने के भ्रम के कारण मेरा ध्यान रैली की ओर मुड़ गया । हम और आप बचपन से ही राजनैतिक,सामाजिक,मजदूर और कर्मचारी आंदोलनों के समय नारा ‘‘ अभी तो ये ....’’ सुनते आ रहे है कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें अभी तो ये अंगड़ाई है .. ( व्यंग्य ) अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Alok Mishra फॉलो