कर्ण पिशाचिनी - अंतिम Rahul Haldhar द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें डरावनी कहानी किताबें कर्ण पिशाचिनी - अंतिम Karn Pishachini - last book and story is written by Rahul Haldhar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Karn Pishachini - last is also popular in Horror Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. कर्ण पिशाचिनी - अंतिम Rahul Haldhar द्वारा हिंदी डरावनी कहानी (27) 19.1k 33.6k अंतिम भाग " मुझे भूख लगी है । मुझे भूख चढ़ाओ । नर मांस दो मुझे... " कर्णपिशाचिनी के आवाज से मानो यह शांत जंगल कांप उठा । रात के कुछ पंछी डरते हुए उड़ गए । हर्षराय विकट ...और पढ़ेमें थे उन्होंने सोचा तो क्या अंत में इतने दिनों की साधना यूं ही व्यर्थ चली जाएगी । मन ही मन उन्होंने देवी गुह्यकाली को शरण किया । गुरु भैरवानंद की सावधान वाणी उन्हें याद आई । गुरु ने कहा था, " जितनी भी विकट परिस्थिति आए अपने दिमाग को शांत कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें कर्ण पिशाचिनी - अंतिम कर्ण पिशाचिनी - उपन्यास Rahul Haldhar द्वारा हिंदी डरावनी कहानी (269) 145.8k 279.1k Free Novels by Rahul Haldhar अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी