Tadap book and story is written by Rohit Kishore in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tadap is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
तड़प
Rohit Kishore
द्वारा
हिंदी प्रेम कथाएँ
भाग । ) बाली उम्र का प्यार।।चलिए आपको ले चलते है नवाबों के शहर लखनऊ , यहाँ की नवाबी और आशिकी दोनों बड़ी ही ...और पढ़ेमशहूर है .।।साल 1992 जब अपने हीरो “अभिषेक ” धीरे धीरे बड़े हो रथे थे , अभी इनकी उम्र है 14, स्वाभाव से थोड़ा गरम और दिल से थोड़े नरम है जनाब , अलग ही रंगबाज़ी में रहते है अभिषेक , क्युकी मिश्रा खानदान के ये एकलौते चिराग है।।छोटी उम्र में भी अपना ही एक गैंग बनाये हुए है दोस्तों का जो इनके एक इशारे पे न जाने क्या कर दे , पढाई सेजी चुराते है तभी स्कूल में रिजल्ट आने पे सबसे निचे दिखाई देते है।। इनके मोहल्ले से बस 4 मकान दूर ही है अपने गुप्ता जी का घर जो की बड़े ही पुराने खयालो से आते है और उनकी एकलौती बेटी है “सौम्या ”, जो अपने पापा से अलग है , और मॉडर्न लड़की है , घूमना फिरना बेशक बहुत पसंद है , इनका सपना है मॉडल बनना और हाँ इनके बॉय फ्रेंड है अपने “अभिषेक.अभिषेक अपनी सौम्य के लिए कुछ भी कर सकता है और उसे बहुत ज़ादा प्यार करता है .. सौम्या को भी उससे मिलना अच्छा लगता है ।।।सौम्या - ओये अभी,valentine’s डे आ रहा क्या दोगे मुझे.?अभिषेक - बोल तुझे क्या चाहिए ..?सौम्या - यार वो अमीनाबाद वाली लाल सलवार कमीज दिला दे , जिसमे ज़री गोटे का काम है …।।अभिषेक - बस , मिल जाएगी ।।अभिषेक ने बोल तो दिआ , मगर पिता जी से पैसे मांग नहीं सकते और पॉकेट मनी मिलती नहीं ..अभिषेक दिमाग लगते है और अगले दिन लड़की बनके, बुरका पेहेन के उस दुकान में जाते है …अभिषेक दुकानदार से - “ अस्सलाम वालेगुम मियां जान ”दूकानदार - “ वालीगुम अस्सलाम मोहतरमा बताये ”अभिषेक - वो पीली वाली सलवार कमीज दिखाइए न … जो वो पीछे रखी है …दुकानदार - अच्छा जी .. अभी निकालता हूँ ।।दुकानदार जैसे ही जाता है निकालने , अभिषेक सामने रखा लाल सलवार कमीज चुरा के भाग जाता है ..दुकानदार - अरे पकड़ो चोर …!!!मगर अभिषेक कहाँ रुकने वाले … अपनी सौम्या को गिफ्ट जो देना है …ऐसे ही सौम्या की ख़ुशी के लिए कुछ भी कर देते थे ये महाशय …।।एक दिन सौम्या - अभिषेक , परसो एग्जाम है 8th क्लास का और मेरी कोई तैयारी नहीं , तुम अपनी सौम्या को फेल होते देखोगे क्या .।।अभिषेक - अरे कैसी बात करती है … कुछ करता हूँ .।।अभिषेक अपने दोस्तों से सेटिंग करके स्कूल के एग्जाम पेपर ले आता है … और सौम्या को दे देता है …सौम्या बहुत खुश हो जाती है ।।मगर अभिषेक ने अपने लिए ऐसा कभी नहीं किआ और फेल होता रहा पढाई में …।।। अभिषेक के पापा - अरे अभिषेक , पढाई लिखाई नहीं करते दिनभर आवारा गर्दी .. क्या करेगा बड़े होके , पैसा कैसे कमायेगा ।।अभिषेक - सब हो जाएगा पापा , पढाई भी हो जाएगी ।। अभिषेक एक दम पागल सा रहता था सौम्या के लिए … एक दिन भी सौम्या उसे मिलने न आये , तो वो सीधे उसके घर के सामने खड़ा हो जाए … सौम्या भी मुस्कुरा दे .. और चल देती उसके साथ ।।। .सौम्या ऐसे ही 10th क्लास में आ गई और अभिषेक से बोलती है ..अभिषेक , यार मेरे बोर्ड के एग्जाम है ,और मुझेपास होना ही है , नहीं तो मम्मी पापा घर से निकल देंगे ।।अभिषेक भी सोच में पड़ता है , क्युकी स्कूल से पेपर निकालना और बोर्ड के पेपर लीक करने में बहुत फरक था …मगर अभिषेक के सौम्या का भूत कहाँ थमने वाला …प्लान बनाता है , स्कूल खुलने से पहले ही स्कूल से पेपर ले आएगा सौम्या के लिए …सुबह होते ही अभिषेक स्कूल फांद के जाता है , मगर उससे एक पेपर वेट गिर जाता है और आवाज़ हो जाती है … शायद दिन अच्छा नहीं था और अभिषेक पकड़ा जाता है ।।उसे बहुत मारा पड़ती है और फिर पुलिस को दे दिया जाता है … उसे 2 साल की सजा हो जाती है ।।अभिषेक चाहता था एक बार सौम्या से मिलना, मगर वो नहीं मिल पाता है …।।सौम्या को पाता चलता है वो जेल चला गया , वो मिलने जाना चाहती है , मगर उसके पिताजी के मन करने पे वो मिलने नहीं जा पाती , और किसी तरह एग्जाम पास भी कर जाती है ..2 साल बीत जाते है … अभिषेक बेचारा जेल में ही बंद रह जाता है … मगर उसके मन में ये सुकून रहता है के सौम्या के लिए उसने ये काम भी कर डाला जब मिलेगा सौम्या से तो कितना खुश होगी वो ।। उधर सौम्या - पापा मेरा 12th हो गया, और मुझे फैशन मॉडल के कोर्स करना है जो मुंबई से होगा , मुझे जाने दो न मुंबई ..सौम्या के पापा उसे जाने देते है , और वो चाहते भी थे अभिषेक के चक्केर ख़तम हो जाये , क्युकी उन्हें पाता था सौम्या की वजह से ही अभिषेक जेल गया है ।।आज सौम्या मुंबई के लिए निकलती है और अभिषेक जेल से छूटता है … अभिषेक के दोस्त उसे बताते है सौम्या के जाने के बारे मे वो भागता हुआ स्टेशन पहुँचता है और देखता है सौम्या की ट्रैन जा रही होती है ,उसे देख रोने लगता है और चिल्लाता है , सौम्या रुक जाओ .. मैं आ गया वापस .. तुम्हे कहीं जाने की ज़रूरत नहीं ।।सौम्या उसे देखती है पर वह अपने सपने जो फैशन मॉडल बनना है .. उसी में खोयी रहती है .. और बस अभिषेक को हाथ हिला के बाय करती है …।।।अभिषेक वही रोता रह जाता है और उसे यकीन भी नहीं होता के कितनी आसानी से सौम्या उसे छोड़ के चली गई .. और उसकी आँखों में एक आंसू भी नहीं …. प्यार की तड़प में वही स्टेशन में रोता रह जाता है .. और चीखता है …”Saummyyaaaaaaaa…” .. . फिर भी उसे यकीन रहता है , के फिर मिलेंगे ज़रूर .. अब अभिषेक रह जाता है लखनऊ में और सौम्या अपनी नयी उड़ान के लिए मुंबई ।।।।---------------END of PART 1-----------------भाग ।। ) हद्द - ऐ - आशिकी एक बिछडन की तड़प के बाद अब कहानी को आगे बढ़ाते है , और हमारी कहानी 5 साल आगे पहुँचती है , सौम्या के भी मॉडलिंग का कोर्स पूरा हो गया और अपने घर मम्मी को फोन लगाती है .।। सौम्या - हेलो मम्मी , कैसी हो , कितने दिन हो गए मिले नहीं … मम्मी - आज कैसे टाइम मिल कम पढ़ें