बाबूजी सिखाते सिखाते मर गए मगर.... r k lal द्वारा बाल कथाएँ में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें बाल कथाएँ किताबें बाबूजी सिखाते सिखाते मर गए मगर.... बाबूजी सिखाते सिखाते मर गए मगर.... r k lal द्वारा हिंदी बाल कथाएँ (25) 294 1.3k बाबूजी सिखाते- सिखाते मर गये मगर......आर 0 के0 लालबाबूजी हमेशा कहा करते थे, “हिम्मते मरदां मददे खुदा”। यह एक फारसी कहावत है जिसका मतलब होता है “फॉर्चून फेवर्स ब्रेब्स” । बाबूजी के समय में अपने देश में बहुत कम, ...और पढ़ेपचीस प्रतिशत ही लिटरेसी थी, इसलिए वह हमेशा पढ़ने की सलाह देते थे। जब भी मौका मिलता तो वे लोगों को अपने पास बैठा लेते थे और कुछ न कुछ उन्हें पढ़ाया करते थे। बाबूजी ने फारसी और अरबी भाषा में शिक्षा ग्रहण की थी इसलिए उनकी हर बात में उसी का लय होता था। अक्सर वह कहा करते थे कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ r k lal फॉलो