कटी हुई औरत Neelam Kulshreshtha द्वारा महिला विशेष में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें महिला विशेष किताबें कटी हुई औरत कटी हुई औरत Neelam Kulshreshtha द्वारा हिंदी महिला विशेष (12) 318 1.3k नीलम कुलश्रेष्ठ " हूँ-------हूँ ----हूँम ----हूँम ----हूँ---. " वह बाल बिखराये सफ़ेद धोती में झूम रही थी, उसके मुँह से अजीब अजीब आवाज़े निकल रहीं थी. उसके घुँघराले बाल हवा में लहरा रहे थे. उसके माथे पर लगे चंदन ...और पढ़ेटीके के बीच सिंदूर की लाल बिन्दी में लगी सुन्हरी बिंदी देवी के आगे रक्खे देशी घी की ज्योत में चमक रही थी. अगरबत्ती व धूपबत्ती के धुंये से गमकते कमरे में चौड़ा काजल लगी उसकी बड़ी बड़ी आँखें और भी रहस्यमय हो उठती थी जब वह घर के बाहर कमरे में माता की चौकी बिठती थी. कमरे के बीचों कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें औरत - उपन्यास Neelam Kulshreshtha द्वारा हिंदी - महिला विशेष (82) 3.3k 11.7k Free Novels by Neelam Kulshreshtha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Neelam Kulshreshtha फॉलो