AATMKATHY SHELI ME BHAVBHUTI book and story is written by रामगोपाल तिवारी in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. AATMKATHY SHELI ME BHAVBHUTI is also popular in Mythological Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. आत्मकथ्य शैली में भवभूति रामगोपाल तिवारी द्वारा हिंदी पौराणिक कथा 1 2.4k Downloads 8.5k Views Writen by रामगोपाल तिवारी Category पौराणिक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आत्मकथ्य शैली में भवभूति भवभूति का पदमपुर (विदर्भ) से प्रस्थान मैं भवभूति............ के नाम से आज सर्वत्र प्रसिद्ध हो गया हूँ। मेरे दादाजी भटट गोपाल इसी तरह सम्पूर्ण विदर्भ प्रान्त में अपनी विद्वता के लिये जाने जाते थे। मैं अपनी जन्मभूमि में श्रीकण्ठ के नाम से चर्चित होता जा रहा था। मेरे दादाजी ने शायद मेरे प्रारंभिक स्वर को महसूस करके मेरा नाम श्रीकण्ठ रखा था। मेरा गायन में कण्ठ स्वर बहुत अच्छा था। इसी कारण मेरे दादाजी ने अपनी कुछ कवितायें मुझे रटा दीं थीं। उन्हें दादाजी की मित्र मण्डली के समक्ष सुरीले स्वर में सुनाने More Likes This अंजाना रिश्ता ये अपना ...... - 1 द्वारा VAISHNAVI PADVI इंद्रप्रस्थ - 1 द्वारा Shakti भगवान् के चौबीस अवतारों की कथा - 1 द्वारा Renu वेदव्यास द्वारा Renu जनमेजय द्वारा Renu परीक्षित द्वारा Renu शिशुपाल द्वारा Renu अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी