Baat bus itni si thi - 36 - last part book and story is written by Dr kavita Tyagi in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Baat bus itni si thi - 36 - last part is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
बात बस इतनी सी थी - 36 - अंतिम भाग
Dr kavita Tyagi
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
Four Stars
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विवरण
बात बस इतनी सी थी 36. मंजरी के जाते ही मधुर मुझसे बोला - "चंदन डियर ! आज की तेरी रात बदरंग हो चुकी है ! लेकिन इसके लिए तू मुझे गाली मत देना ! मैं पहले ही सॉरी बोल देता हूँ !" "क्या पागलों जैसी बातें करता है ?" "तुझे मेरी बातें पागलों जैसी क्यों लग रही है ?" "पहली बात तो यह है कि तुझे सॉरी बोलने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मैंने उसके साथ रात नहीं, केवल अपना दिन रंगीन बनाने की सोची थी । और अब दिन गुजर चुका है !" "दूसरी बात ?" मधुर ने
माता-पिता की इकलौती संतान के रूप में कुल को आबाद रखने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ढोता हुआ मैं अपने जीवन के चालीस बसंत पार कर चुका था, किंतु अभी तक मु...
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