यादों के उजाले - 5 - अंतिम भाग Lajpat Rai Garg द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें प्रेम कथाएँ किताबें यादों के उजाले - 5 - अंतिम भाग यादों के उजाले - 5 - अंतिम भाग Lajpat Rai Garg द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 156 801 यादों के उजाले लाजपत राय गर्ग (5) प्रह्लाद नौकरी पाने में सफल रहा। नौकरी लगने के पश्चात् उसके विवाह के लिये रिश्ते आने लगे। वह टालमटोल करता रहा। एक रविवार के दिन विमल प्रह्लाद से मिलने उसके घर आया ...और पढ़ेथा। मंजरी ने मौक़ा देखकर बात चलायी - ‘विमल, अब तुम दोनों विवाह कर लो। बहुओं के आने से घरों में रौनक़ आ जायेगी।’ ‘दीदी, मैं तो तैयार हूँ। किसी अच्छी लड़की का रिश्ता आने की बाट जोह रहा हूँ। लेकिन, प्रह्लाद के लिये तो अभी आपको डेढ़-दो साल इंतज़ार करना पड़ेगा।’ प्रह्लाद ने विमल की तरफ़ आँखें तरेरीं, किन्तु कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें यादों के उजाले - उपन्यास Lajpat Rai Garg द्वारा हिंदी - प्रेम कथाएँ (34) 948 5.3k Free Novels by Lajpat Rai Garg अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Lajpat Rai Garg फॉलो