Dilrash - 4 - last part book and story is written by Priyamvad Dev in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Dilrash - 4 - last part is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. दिलरस - 4 - अंतिम भाग Priyamvad द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 7 1.6k Downloads 4.6k Views Writen by Priyamvad Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण दिलरस प्रियंवद (4) ‘क्या उससे सूजन ठीक हो जाती है?’ ‘वह तो बिलकुल हो जाती है।’ ‘लकड़ी की टाल वाले को जरूरत है... उसे बाद में सूजन आ जाती है।’ ‘वह तो आएगी ही। उसने एक तोता पाल रखा है। जैसे तोता हरी मिर्च पकड़ता है, उस तरह वह औरत को पकड़ता है। सूजन तो आएगी ही।’ लड़के ने कभी तोते को हरी मिर्च पकड़ते नहीं देखा था। वह चुप रहा। ‘खैर तुम मुतवल्ली से मिल लो। तेल जरूर ले लेना। एक शीशी टाल वाले के लिए भी।’ लड़का उठ गया। ‘तुम एक दरख्वास्त दे दो। मां की बीमारी का Novels दिलरस पतझर आ गया था। उस पेड़ पर एक भी पत्ता नहीं बचा था। बाजरे की कलगी के एक-एक दाने को जैसे तोता निकाल लेता है, उसी तरह पतझर ने हर पत्ते को अलग कर दिया... More Likes This सनातन - 1 द्वारा अशोक असफल Revenge Love - Part 1 द्वारा zarna parmar Revenge by Cruel Husband - 1 द्वारा starwriter बीच के क्षण द्वारा Raj कुछ रंग प्यार के ऐसे भी - भाग 1 द्वारा Shruti Sharma अनंता - पार्ट 5 द्वारा zarna parmar फरमाइश... 1 द्वारा pooja अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी