AAPTTI KYON AAKHIR book and story is written by Pranava Bharti in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. AAPTTI KYON AAKHIR is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. आपत्ति क्यों आख़िर ?? Pranava Bharti द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 13 1k Downloads 4.6k Views Writen by Pranava Bharti Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण आपत्ति क्यों आख़िर ??--------------------------- भ्रमित होने की कोई बात तो नहीं थी ,मन ही तो है ---हो जाता है भ्रमित ! होता ही रहता है ---दुःख -सुख के ऊंचे-नीचे टोलों के बीच फँसा मन कभी सुख से इतना सराबोर हो जाता है कि समझ ही नहीं आता हँसा जाय या रोया जाए ? सबके साथ ऐसा होता ही रहता है ,बीती यादें ले जाती हैं खींचकर और भ्रमित होते रहते हैं हम अपनी ही वर्जनाओं से ! स्वयं ही तो बनाते हैं हम अपने लिए ऐसे बंधन, जो लगता है हमें ले जाते हैं एक ऐसे लोक में More Likes This बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 द्वारा सीमा कपूर My Devil Hubby Rebirth Love - 23 द्वारा Naaz Zehra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी