fir mahkega jivan book and story is written by padma sharma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. fir mahkega jivan is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. फिर महकेगा जीवन padma sharma द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 2 717 Downloads 2.6k Views Writen by padma sharma Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण उपहार सतीश ने बिस्तर पर लेटे - लेटे दीवार घड़ी पर नजर डाली सात बज गये थे । आज बिरजू नहीं आया वर्ना बर्तनों की आवाज आने लगती । सतीश अलसाये हुए बिस्तर पर ही लेटे रहे। चाय पीने की ललक मन में उठ रही थी । सर्दी ने हाथ पैर इस कदर जकड दिए कि वे हिल डुल भी नहीं पा रहे थे । रोज सुबह पाँच बजे उठकर दैनिक कार्यों से फारिग होते और साढे पाँच बजे जो घूमने जाते तो साढे छः तक लौटते। दस पन्द्रह मिनिट आराम से बैठते फिर बाबा रामदेव का योग करते। तब More Likes This बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 द्वारा सीमा कपूर My Devil Hubby Rebirth Love - 23 द्वारा Naaz Zehra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी