Risate Ghaav - 22 - last part book and story is written by Ashish Dalal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Risate Ghaav - 22 - last part is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. रिसते घाव - २२ - अंतिम भाग Ashish Dalal द्वारा हिंदी फिक्शन कहानी 13 1.7k Downloads 6.8k Views Writen by Ashish Dalal Category फिक्शन कहानी पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अमन ठण्ड की वजह से काँप रहा था । वह उसे कोरिडोर से कुछ आगे ले जाकर खुली जगह में आ गई जहाँ सूरज की हल्की सी धूप पड़ रही थी । कुछ देर धूप में बैठने के बाद अमन की कंपकंपी दूर होने लगी । श्वेता ने जब उसकी तरफ देखा तो वह मुस्कुरा दिया ।‘अमन, कुछ खाओगे ?’श्वेता के पूछने पर अमन ने ना में सिर हिला दिया ।‘ठीक है तो यह पानी पी लो ।’ उसने बोतल से गिलास में पानी निकालते हुए कहा ।‘ना ! घर चलो । मुझे यहाँ घुटन हो रही है ।’ अमन Novels रिसते घाव बेडरूम के दरवाजे के ऊपर रही खाली दीवार पर लगी हुई घड़ी के दोनों कांटे आपस में एक होकर मिलने के बाद धीरे धीरे बिछुड़ रहे थे । डबल बेड के सामने की दीवार प... More Likes This सर्विस पॉर्ट - 1 द्वारा Lalit Kishor Aka Shitiz किरन - 2 द्वारा Veena नागिन और रहस्यमयि दुनिया - 1 द्वारा Neha Hudda प्यार बेशुमार - भाग 6 द्वारा Aarushi Thakur नागेंद्र - भाग 1 द्वारा anita bashal दिवाकर : दी फादर - भाग 1 द्वारा Lalit Kishor Aka Shitiz एमी - भाग 1 द्वारा Pradeep Shrivastava अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी