और आत्माराम मिल गए...... Meenakshi Dikshit द्वारा आध्यात्मिक कथा में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें आध्यात्मिक कथा किताबें और आत्माराम मिल गए...... और आत्माराम मिल गए...... Meenakshi Dikshit द्वारा हिंदी आध्यात्मिक कथा 297 1.4k आप संज्ञा शून्य से हो जाते हैं, जब कोई अपना बहुत दूर चला जाता है, अनंत की यात्रा पर,जहाँ से वो इस रूप में कभी वापस नहीं आएगा. आप उससे कभी मिल नहीं पायेंगे, उसे देख नहीं पायेंगे, उसे ...और पढ़ेनहीं पाएंगे, उसे सुन नहीं पाएंगे .....सब कुछ होगा बस वो नहीं होगा.....एक ऐसी बेचैनी .....जो आप की जान ले रही होती है और आप ज़िन्दा होने का अभिनय कर रहे होते हैं ...... जब किसी निकटस्थ का ये अंतिम प्रयाण चल रहा होता है तब अनेक विधियाँ संपन्न होती हैं. आप यांत्रिक भाव से उन्हें करते जाते हैं. कब, कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Meenakshi Dikshit फॉलो