Tu nahi aur sahi, aur nahi aur sahi book and story is written by Annada patni in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tu nahi aur sahi, aur nahi aur sahi is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. तू नहीं और सही, और नहीं और सही Annada patni द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 2 2.1k Downloads 4.9k Views Writen by Annada patni Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण तू नहीं और सही, और नहीं और सही अन्नदा पाटनी छत पर खड़ी थी । इधर उधर नज़र दौड़ाई तो देखा । बाज़ू वाली छत पर एक लड़की खड़ी किसी को हाथ से कुछ इशारा कर रही थी । उत्सुकता हुई कि देखूँ कौन है जिसको इशारा कर रही है । ओह, तो यह बात थी, सामने की खिड़की पर एक नौजवान खड़ा था ।सुंदर और आकर्षक । मुस्कुरा कर उसने भी कुछ इशारों से समझाया । मुझे भी समझ आ गया कि ये कहीं मिलने का समय और जगह तै कर रहे हैं । मुझे यह समझ नहीं आया More Likes This रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी