Jayagatha - 3 book and story is written by Mukesh nagar in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Jayagatha - 3 is also popular in Mythological Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. जयगाथा - 3 Mukesh nagar द्वारा हिंदी पौराणिक कथा 1 1.8k Downloads 6.1k Views Writen by Mukesh nagar Category पौराणिक कथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण गतांक से आगे.... देवताओं के गुरु थे ऋषि अंगिरा के परम तेजस्वी और विद्वान पुत्र बृहस्पति और दैत्यों के गुरु और पुरोहित थे संजीवनी विद्या जानने वाले परम प्रतापी शुक्राचार्य ।अमृत पीकर देवतागण अमर हो चुके थे । वे दानवों का वध कर देते । दानवों की संख्या कम होने लगी तब उन्होंने अपने गुरु शुक्राचार्य के निकट जाकर अपनी व्यथा कही-- दैत्य गुरु शुक्राचार्य ने उनको सान्त्वना दी । “ चिंतित न हो शिष्यों ! मैं तुम सबको पुनः जीवित कर दूँगा ।” दैत्य प्रसन्न हो गए । शुक्राचार्य अपनी संजीवनी विद्या से उन सबको पुनर्जीवित कर देते थे, Novels जयगाथा जयगाथा ********* भारत के महान ग्रन्थ महाभारत की कहानियों पर आधारित है मेरी यह धारावाहिक कहानी 'जयगाथा'। इसके बारे में आप सबको कुछ बताता हूँ। म... More Likes This अंजाना रिश्ता ये अपना ...... - 1 द्वारा VAISHNAVI PADVI इंद्रप्रस्थ - 1 द्वारा Shakti भगवान् के चौबीस अवतारों की कथा - 1 द्वारा Renu वेदव्यास द्वारा Renu जनमेजय द्वारा Renu परीक्षित द्वारा Renu शिशुपाल द्वारा Renu अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी