khushiyo ki dahliz book and story is written by सिमरन जयेश्वरी in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. khushiyo ki dahliz is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. खुशियों की दहलीज़... सिमरन जयेश्वरी द्वारा हिंदी लघुकथा 5.3k 2.1k Downloads 7k Views Writen by सिमरन जयेश्वरी Category लघुकथा पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण अरुणा खिडकी से सट कर खड़ी थी। वो अपनी शादी से पहले का दिन याद कर रही थी , जब माँ ने उसे अपने कमरे में बुलाया था। कमरे मे जब वह पहुँची तो उसे एक उदासी महसूस हो रही थी। माँ के पास जाकर अरुणा ने देखा की माँ की आंखोँ के कोरो से आंसू छलक रहे थे। अरुणा की आंखें बडी हुई। उसकी माँ ने जब अरुणा को देखा तो अपने आँसुओ को पोछते हुए बोली," आ गयी।" "हा माँ।" अरुणा ने दबे स्वर में कहा। अब माँ ने कहना शुरु किया," देख बेटी, कल तेरी शादी है। मैने अपनी More Likes This रागिनी से राघवी (भाग 1) द्वारा Asfal Ashok अभिनेता मुन्नन द्वारा Devendra Kumar यादो की सहेलगाह - रंजन कुमार देसाई (1) द्वारा Ramesh Desai मां... हमारे अस्तित्व की पहचान - 3 द्वारा Soni shakya शनिवार की शपथ द्वारा Dhaval Chauhan बड़े बॉस की बिदाई द्वारा Devendra Kumar Age Doesn't Matter in Love - 23 द्वारा Rubina Bagawan अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी