विदा रात - 3 Kishanlal Sharma द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें विदा रात - 3 din raat - 3 book and story is written by किशनलाल शर्मा in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. din raat - 3 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. विदा रात - 3 Kishanlal Sharma द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 1.8k 4.8k तब बरखा को एहसास होने लगा कि मात्र भावात्मक लगाव उसकी बने रहने में सहायक नही हो सकता।शारीरिक इच्छा की पूर्ति भी ज़रूरी है।इस इच्छा को पति ही पूरी कर सकता है।वह पुराने जमाने की उन औरतो में से ...और पढ़ेथी।जो पति चाहे जैसा हो।उसके साथ सारी उम्र गुज़ार देती थी।बरखा आधुनिक ज़माने की शिक्षित औरत थी।वह अपना सारा जीवन शेखर के पीछे तबाह नही कर सकती थी।इसलिए उसने दूसरे रास्ते के बारे में सोचना शुरू कर दिया।हर दृष्टि से सोचकर,हर पहलू पर विचार करकेऔर भविष्य में किन बातों का सामना करना पड़ सकता है।उसने तलाक देने का निर्णय कर कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विदा रात - 3 विदा रात - उपन्यास Kishanlal Sharma द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां (22) 7.6k 20.9k Free Novels by Kishanlal Sharma अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी