शिवत्व को सदैव झहर ही पीना पड़ता है મનોજ જોશી द्वारा पत्र में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें पत्र किताबें शिवत्व को सदैव झहर ही पीना पड़ता है शिवत्व को सदैव झहर ही पीना पड़ता है મનોજ જોશી द्वारा हिंदी पत्र 635 6.1k मोरारीबापु को भी झहर प्रभु प्रसाद समझकर सृष्टि के हित के लिए झहर पी लिया जय सियाराम, बापू?आपके प्राकट्य के पांच कारण बताए थे आपने! में इसका जो अर्थ समझा हूं, वह विनम्र भाव से व्यक्त करने की अनुमति ...और पढ़ेहूं।?आपने पहला कारण बताया - *"सहन करने के लिए। "* सही है बापू। जिसका प्राकट्य ही अवतार कार्य के लिए हुआ है, वह सहन ही करेगा! भगवान कृष्ण जन्म से लेकर मृत्यु तक सहते रहे। क्योंकि उन्होंने धर्म संस्थापना हेतु अवतार धारण किया था। और कृष्ण प्रेमावतार है। "रामहि केवल प्रेम पियारा"- ऐसे राम भी प्रेम स्वरूप परमात्मा है। राम ने भी कम कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें शिवत्व को सदैव झहर ही पीना पड़ता है अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी મનોજ જોશી फॉलो