नाशुक्रे लोग Pushp Saini द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें नाशुक्रे लोग नाशुक्रे लोग Pushp Saini द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 192 914 लघुकथा ✍?नाशुक्रे लोग***********'अरु, आज फिर रात की इतनी रोटियाँ बची हुई हैं ।कितनी बार कहा है तुमसे कि कम बनाया करो, लेकिन तुम मानती ही नहीं हो''अरे, हो जाता है कभी-कभार''कभी-कभार, ये तुम्हारा रोज़ का हो गया है अब ...और पढ़ेये झूठे बर्तनों में भी पड़ी है''तुम तो जानते ही हो न बच्चों के नखरे, ये सब्जी पसंद नहीं वो सब्जी पसंद नहीं, तो ऐसे ही खाते हैं ''हाँ तो तुम बच्चों के हिसाब से परोसो न उन्हें, बड़ों के हिसाब से नहीं ''अच्छा, अब तुम बच्चों के खाने पर भी नज़र टिकाओगे ,हद ही कर दी है तुमने''मैं कहता कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Pushp Saini फॉलो