Deh ki Dahleez par - 3 book and story is written by Kavita Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Deh ki Dahleez par - 3 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
देह की दहलीज पर - 3
Kavita Verma
द्वारा
हिंदी सामाजिक कहानियां
Four Stars
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विवरण
साझा उपन्यास देह की दहलीज पर लेखिकाएँ कविता वर्मा वंदना वाजपेयी रीता गुप्ता वंदना गुप्ता मानसी वर्मा कथा कड़ी 3 उस दिन कामिनी अन्य दिनों की अपेक्षा शाम से पहले ही घर आ गई थी, सासू माँ अपनी फेवरिट जगह टीवी के सामने नहीं दिखाई दी तो उनके कमरे में झांका तो देखा कि वे अपनी दोपहरिया की नींद पूरी कर रहीं हैं। घर में अभी कोई और नहीं था। कामिनी को अपने बेडरूम में झाँकने भी मन नहीं किया। कपड़े भी नहीं बदले पर्स को एक तरफ फेंक उसने किचन में जाकर एक कप चाय बना लिया और बालकनी
सुबह की पहली किरण के साथ कामिनी की नींद खुल गई उसने आंखें मिचमिचाकर उन्हें श्यामल उजाले में देखने को अभ्यस्त किया। बाहों को सिर के ऊपर तानकर पैरों को...
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