दरमियाना - 20 Subhash Akhil द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें दरमियाना - 20 दरमियाना - 20 Subhash Akhil द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 657 831 दरमियाना भाग - २० नंदा ने छोटी के सिर पर हाथ रख कर शायद पहली दुआ दी थी 'छोटी, मेरी एक बात याद रखना! मुझसे अब कभी नहीं मिलना, पर हां -– तुझे बहुत प्यारा बन्ना मिलेगा और तू ...और पढ़ेखुश रहेगी।' मटकी तो इसने भी फोड़ दी थी, सबके नाम की। बस, एक ही बात का मलाल इसे हमेशा रहता -– बेटियाँ तो सभी की बिदा होती हैं, पर क्या कोर्इ अपनी 'बेटी' को इस तरह बिदा करता है? बेटी या बेटा? एक बेहूदी जिज्ञासा। प्रायः सोचा जाता कि सृजन की प्रक्रिया से जो भी मिले, वह प्रकृति से कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें दरमियाना - उपन्यास Subhash Akhil द्वारा हिंदी - सामाजिक कहानियां (245) 54k 70.3k Free Novels by Subhash Akhil अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Subhash Akhil फॉलो