दरमियाना - 19 Subhash Akhil द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें दरमियाना - 19 दरमियाना - 19 Subhash Akhil द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 764 1.1k दरमियाना भाग - १९ यह तो अब खुद रुखसाना बी को भी याद नहीं कि वे जिन बच्चों को इस धरती पर उतार लार्इं, उनमें से कितने हिन्दू थे और कितने मुसलमान!... और क्यूँकि वे पेशेवर दायी नहीं थीं, ...और पढ़ेउन्होंने इस काम के लिए किसी से कोर्इ पैसा भी कभी नहीं लिया। हक-हकूक का पैसा तो वे मंगौड़ी और पापड़ का ही माँगतीं। उसमें मोलभाव की गुंजाइश कतर्इ नहीं थी। थोड़ी-बहुत छूट वे देतीं भी, तो केवल उन्हीं को –- जो या तो बेचने के लिए ले जाते... और या फिर जिनके पास पैसे होते ही नहीं थे! शायद कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें दरमियाना - उपन्यास Subhash Akhil द्वारा हिंदी - सामाजिक कहानियां (245) 54k 70.6k Free Novels by Subhash Akhil अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Subhash Akhil फॉलो