राय साहब की चौथी बेटी - 18 Prabodh Kumar Govil द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें राय साहब की चौथी बेटी - 18 राय साहब की चौथी बेटी - 18 Prabodh Kumar Govil द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां (14) 1.2k 1.8k राय साहब की चौथी बेटी प्रबोध कुमार गोविल 18 बस, ये और बाकी था। अब अम्मा को कभी - कभी ये भी ध्यान नहीं रहता था कि वो बहुत देर से शौचघर नहीं गई हैं और उनके कपड़ों से ...और पढ़ेउठ रही है। ये उनके सत्तर वर्षीय पुत्र के लिए एक बेहद कठिन परीक्षा की घड़ी थी। यद्यपि ये काया वही है जिसमें बनकर हम जगत में आए हैं, लेकिन इन रास्तों और पड़ावों पर कभी वापस नहीं लौटा जाता। लेकिन बेटे को ये संतान धर्म भी निभाना पड़ा कि अम्मा को गोद में उठा कर शौचघर या स्नानघर में कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें राय साहब की चौथी बेटी - उपन्यास Prabodh Kumar Govil द्वारा हिंदी - सामाजिक कहानियां (277) 73.2k 95.5k Free Novels by Prabodh Kumar Govil अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Prabodh Kumar Govil फॉलो