राय साहब की चौथी बेटी - 13 Prabodh Kumar Govil द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें राय साहब की चौथी बेटी - 13 राय साहब की चौथी बेटी - 13 Prabodh Kumar Govil द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां (11) 1.2k 1.9k राय साहब की चौथी बेटी प्रबोध कुमार गोविल 13 उस ज़माने में वरिष्ठता का सम्मान होता था। इसलिए घरों में भी बड़े भाई भाभी का रुतबा ज़्यादा होता था। छोटे भाई बड़ों से नम्रता से पेश आते थे तो ...और पढ़ेपत्नियों को भी लिहाज रखना ही होता था। ये लिहाज इतना ही होता था कि बड़ों से कुछ कड़वा बोला जाए तो घूंघट की ओट से। लेकिन अम्मा ब्याह कर जिस घर में आई थीं, वहां स्थिति कुछ अलग थी। अम्मा और अम्मा की जेठानी, दोनों में गहरा बहनापा था क्योंकि दोनों ही अपने - अपने घर में "दूसरी" बन कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें राय साहब की चौथी बेटी - उपन्यास Prabodh Kumar Govil द्वारा हिंदी - सामाजिक कहानियां (277) 72.4k 93.5k Free Novels by Prabodh Kumar Govil अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Prabodh Kumar Govil फॉलो