jise baya n kiya ja sake book and story is written by Raj Gopal S Verma in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. jise baya n kiya ja sake is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. जिसे बयाँ न किया जा सके Raj Gopal S Verma द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 5 1.5k Downloads 6.1k Views Writen by Raj Gopal S Verma Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण “जंगली फूल कब पनप जाते हैं यूँ ही, न जाने कैसे, बिना किसी देखभाल के, कौन जाने. न उन्हें पानी चाहिए, न धूप की दरकार सहारा भी कोई नहीं, न कोई वृक्ष ही आस-पास! वह बढा करते हैं बेसब्रे-से बेहया की बेल की तरह, बैंगनी रंग के जिसके फूल उग आते हैं कहीं भी, तालाब-पोखर के किनारे और बिखेर देते हैं, ठंडी हवा की खुशबुएँ! ऐसा ही एक फूल हूँ, मैं भी शायद, बेहया का, वही बैंगनी, ताल के किनारे, झुरमुटों के साए में हूँ अनजान अपनी जिजीविषा से भी!” मैं हमेशा की तरह ऑफिस में बैठा, खाली समय More Likes This Krick और Nakchadi - 1 द्वारा krick D J Chapter 1 द्वारा R D Digital तेरा...होने लगा हूं - 1 द्वारा Sony मीरा प्रेम का अर्थ - 5 - इंसेक्योरिटी या डर.. द्वारा sunita maurya बेरहम सईया - 1 द्वारा riya pandey आर्यन और रिया की प्रेम कहानी। द्वारा Anand Tripathi I Hate Love - 1 द्वारा aruhi अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी