Faisla - 4 book and story is written by Divya Shukla in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Faisla - 4 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. फैसला - 4 Divya Shukla द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 7 1.7k Downloads 4.9k Views Writen by Divya Shukla Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण फैसला (4) मै निष्प्राण - सी हो गई, जैसे हाथ - पाँव से जान ही निकल गई बहुत डर गई थी तभी उनका हाथ मेरे कंधे से होता हुआ मेरे वक्ष को टटोलने लगा तो अचानक बिजली के करेंट सा लगा मुझे और एक झटके से मै दरवाज़ा खोल कर बाहर निकल आई | पसीने से तरबतर पूरा शरीर मै बहुत घबरा गई थी लेकिन वह तो एकदम नार्मल थे, कहने लगे, " अरे बहू | उतर क्यूँ गई कुछ भूल गई क्या ? चलो बैठो जल्दी जाओ नहीं तो पहुँचने में देर हो जायेगी | " मै मूर्ति सी Novels फैसला फैसला (1) शाम की ट्रेन थी बेटे की अभी सत्ररह साल का ही तो है राघव पहली बार अकेले सफर कर रहा है उसे अकेले भेजते हुए मेरा कलेजा कांपा तो बहुत फिर भी... More Likes This बेजुबान - 1 द्वारा Kishanlal Sharma खामोशी का रहस्य - 1 द्वारा Kishanlal Sharma अकेलापन जिंदगी - 1 द्वारा Wow Mission successful सनम बेवफा - 3 द्वारा Kishanlal Sharma धोखा या इश्क - 1 द्वारा aruhi कामवासना से प्रेम तक - भाग - 5 द्वारा सीमा कपूर My Devil Hubby Rebirth Love - 23 द्वारा Naaz Zehra अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी