राय साहब की चौथी बेटी - 4 Prabodh Kumar Govil द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें राय साहब की चौथी बेटी - 4 राय साहब की चौथी बेटी - 4 Prabodh Kumar Govil द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां (15) 8k 10.6k राय साहब की चौथी बेटी प्रबोध कुमार गोविल 4 ये केवल परमेश्वरी को ही नहीं, बल्कि उसके पति को भी लग रहा था कि ठेकेदारी में उसका मन नहीं लग रहा है। लेकिन शायद ऐसा लगने के जो कारण ...और पढ़ेके दिल में थे, वो उसके मन में नहीं थे। उसे तो ये लगता था कि - इस काम में जितनी मेहनत है, उससे ज़्यादा बेईमानी है। इस काम में जितनी आमदनी है उतना सुकून नहीं है। इस काम को करने में वो तालीम काम नहीं आती जो स्कूल कॉलेज में दिन रात मेहनत करके ली है। शायद इसीलिए जब कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें राय साहब की चौथी बेटी - उपन्यास Prabodh Kumar Govil द्वारा हिंदी - सामाजिक कहानियां (277) 72.4k 93.6k Free Novels by Prabodh Kumar Govil अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Prabodh Kumar Govil फॉलो