में और मेरे अहसास - 2 Darshita Babubhai Shah द्वारा कविता में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें कविता किताबें में और मेरे अहसास - 2 में और मेरे अहसास - 2 Darshita Babubhai Shah द्वारा हिंदी कविता (12) 663 1.8k में और मेरे अहसास भाग २ खुद को खुद की कबर मे देखता हूं lफिर मे तेरी नजर में देखता हूं ll *** एक लम्हा तो गुजरता नहीं lलोग कैसे सदियों इतजार करते हैं ll *** रिसता दिल काहोना ...और पढ़ेनाकि मजबूरी का l प्यार दिल सेहोना चाहिए नाकि मजबूरी से ll *** ढूढ़ना है तोअंदर ढूढ़बाहर कुछना मिलेगा l *** खामोशी में शोर छुपा होता है lमौन में भी शोर छुपा होता है ll *** ढूंढना नहीं चाहते उसे फिर ।से मिलने की उम्मीद नहीं करते ll *** दर्द देने वाले अपने ही होते हैं lबेगानों को परवाह भी कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें में और मेरे अहसास - उपन्यास Darshita Babubhai Shah द्वारा हिंदी - कविता (256) 15k 41.9k Free Novels by Darshita Babubhai Shah अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Darshita Babubhai Shah फॉलो