ख़त - डिअर माँ..... Haider Ali Khan द्वारा पत्र में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें पत्र किताबें ख़त - डिअर माँ..... ख़त - डिअर माँ..... Haider Ali Khan द्वारा हिंदी पत्र 477 2k ख़त: डिअर माँ, ना जाने कितने आँसुओं को अपने दामन में समेटकर माँ घर में चुपचाप रहा करती है, सबको अपनेपन का प्यार देकर वह ख़ुद को कितना अकेला मानती होगी जब ज़रा सी ग़लती पर पापा, भाई, बहन ...और पढ़ेतो और दादी भी क़तई कुछ भी कहने को नहीं चूकतीं।माँ! मुझे नहीं मालूम लेकिन जब कभी घर पर दबे पांव आता हूँ तो तुमको अकेले में रोता हुआ पाता हूँ, एक दिन याद है मुझे माँ! पापा के कुछ कहने पर आप पूरा दिन रोईं थीं जब मैंने पूछा तो आपने बोला कि बेटा आपके नाना की बहुत याद कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी सुनो मोबाईल पर डाऊनलोड करें अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी उपन्यास प्रकरण हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी કંઈપણ Haider Ali Khan फॉलो