Mukhbir - 18 book and story is written by राज बोहरे in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Mukhbir - 18 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मुख़बिर - 18 राज बोहरे द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 9 3k Downloads 7k Views Writen by राज बोहरे Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण मुख़बिर राजनारायण बोहरे (18) बीहड़ पुलिस आये दिन उन दोनों से पूछने-ताछने आ धमकती । वे दोनों क्या बताते ! पुलिस हाथ मलती रह जाती । उन चारों के फ़रार होने की खबर सुनके गांव में सबसे ज्यादा हिकमतसिंह को डर गया । उसने अपने घर पर लठैतों की फौज बिठा ली । महीना भर तक जब कोई वारदात नहीं हुई तो गांव के लोगों ने यह कहके अपने मनको समझा लिया कि वे लोग बागी नहीं बने बल्कि इतनी बेइज़्ज़ती के होने से लाज-शरम की वजह से वे लोग कहीं अंत गांव में जाकर रहने लगे हैं । लेकिन Novels मुख़बिर मैंने इस बार शायद गलत जगह पांव रख दिया था। पांव तले से थोड़ी सी मिट्टी नीचे को रिसकी थी, जिससे हल्की सी आवाज हुई। मुझे लगा, मेरी गलती से शोर पैदा हो रह... More Likes This घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 द्वारा suhail ansari BTS ??? - 4 द्वारा Black डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 1 द्वारा Miss Chhoti चाय के किस्से - 1 द्वारा Rohan Beniwal अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी