"ब्राह्मण की बेटी" कहानी में, जगदधात्री अपनी बेटी संध्या की चिंता करती है, जो दिनभर सीने-परोने में व्यस्त है। वह संध्या को समझाती है कि उसे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए, खासकर जब वह हाल ही में बीमार हुई है। संध्या अपने पिता प्रियनाथ के इलाज़ करने के काम को लेकर चिंतित है, क्योंकि वह मरीजों का मुफ्त इलाज करते हैं और समय का ध्यान नहीं रखते। जगदधात्री को यह लगता है कि संध्या अपने पिता की देखभाल में अधिक लिपटी हुई है और उसे अन्य कामों पर भी ध्यान देना चाहिए। संध्या हल्की-फुल्की मुस्कान के साथ अपनी माँ की बातें सुनती है लेकिन अपने काम में लगी रहती है। जब प्रियनाथ घर लौटते हैं, तो वह दवा का बक्सा और होम्योपैथिक पुस्तकें लेकर आते हैं। संध्या उनकी मदद करती है और उनसे पूछती है कि उन्हें देर क्यों हुई। प्रियनाथ अपनी व्यस्तता के बारे में बताते हैं और मरीजों की नाराज़गी का ज़िक्र करते हैं। कहानी में संध्या की जिम्मेदारी, माँ की चिंताएँ और पिता की व्यस्तता को दर्शाते हुए पारिवारिक जीवन की चुनौतियों को चित्रित किया गया है। ब्राह्मण की बेटी - 2 Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 23k 25k Downloads 33.3k Views Writen by Sarat Chandra Chattopadhyay Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण ब्राह्मण की बेटी शरतचंद्र चट्टोपाध्याय प्रकरण - 2 ठाकुर-घर से बाहर निकली जगदधात्री दालान में बैठकर कुछ सीने-परोने में मस्त लड़की को कुछ देर तक देखती रही और फिर बोली, “बिटिया, सवेरे-सवेरे यह क्या सी रही हो? दोपहर चढ आयी है, समय की सुध ही नहीं, कब नहाओ-धोओगी, पूजा-पाठ करोगी और फिर कब खाओ-पिओगी? अभी परसों तो तुमने रोग-निवृत होने पर खाना प्रारंभ किया है। इतना अधिक श्रम करोगी, तो दोबारा ज्वर से पीड़ित हो सकती हो।” धागे को दांत से काटकर संध्या बोली, “माँ, अभी बाबू जी तो आये नहीं।” “जानती हूँ, मुफ्त में लोगों का इलाज करने वाले Novels ब्राह्मण की बेटी मुहल्ले में घूमने-फिरने के बाद रासमणि अपनी नातिन के साथ घर लौट रही थी। गाँव की सड़क कम चौड़ी थी, उस सड़क के एक ओर बंधा पड़ा मेमना (बकरी का बच्चा) सो र... More Likes This ज़िंदगी की खोज - 1 द्वारा Neha kariyaal अधूरा इश्क़ एक और गुनाह - 1 द्वारा archana सुकून - भाग 1 द्वारा Sunita आरव और सूरज द्वारा Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 द्वारा Vedant Kana Middle Class Boy द्वारा Bikash parajuli तहम्मुल-ए-इश्क - 4 द्वारा M choudhary अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी