**विद्रोहिणी का सारांश:** इस कहानी में श्यामा नाम की एक महिला और उसके छोटे भाई सत्या के बीच तनाव को दर्शाया गया है। जब पड़ोसी कोर्ट में केस हारने के बाद श्यामा से डरने लगे, तो वे उससे बदला लेने की फिराक में थे। चंद्रा, एक पड़ोसी, ने सत्या को श्यामा की स्थिति पर ताने दिए, जिससे सत्या में गुस्सा पैदा हुआ। उसने अपनी बहन को अपमानित किया और मारपीट की। श्यामा गंभीर रूप से घायल हो गई और जब उसके बेटे कुमार ने यह देखा, तो उसने सत्या को जान से मारने की धमकी दी। कुमार की गुस्से में भरी प्रतिक्रिया ने पड़ोसियों में भी डर पैदा किया। सत्या, जो पहले से ही डर में था, एक सप्ताह तक घर से बाहर नहीं आया। कहानी का अगला भाग श्यामा के पानी भरने की प्रतीक्षा के दौरान हो रहा है, जहाँ वह एक भीड़ में खड़ी है। इस प्रकार, कहानी में पारिवारिक संघर्ष, अपमान, और प्रतिशोध की भावना का चित्रण किया गया है। विद्रोहिणी - 13 Brijmohan sharma द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 3 2.1k Downloads 5k Views Writen by Brijmohan sharma Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण कोर्ट में केस हारने के बाद पड़ौसी बुरी तरह डर गए थे। जज ने उन्हें फिर से मुकदमा दायर होने की स्थिति में जेल में डालने की धमकी दी थी । वे अब श्यामा से बचकर निकलते थे। बाजी पलट चुकी थी । उन्हे देखकर श्यामा खरीखोटी सुनाने लगती । वे उससे मुंह छुपाकर बच निकलते। किन्तु वे मन ही मन इर्ष्या की आग में जल रहे थे I वे श्यामा से किसी तरह बदले की ताक में थे। ऐक दिन चंद्रा ने श्यामा के छोटे भाई सत्या से कहा, ‘ सत्या तुम्हारी बहिन खुलेआम गैर मर्द के साथ रह रही है। तुम्हारे लिए ये बात बड़े शर्म की है। मेरी बहिन एसा करती तो मै उसे जान से मर डालता I ’ सत्या को यह ताना दिल में चुभ गया। वह पहली मंजिल पर रहता था। उसने श्यामा को आवाज लगाई, Novels विद्रोहिणी (ऐक अकेली अबला, बेसहारा, बेबस ऐवम गरीब महिला का पाखंउी, जातिवादि, घोर साम्प्रदायिक संकीर्णतावाद से ग्रस्त समाज से संघर्ष की रोमाचक दास्तान । गरीबों के... More Likes This जिंदगी के रंग - 1 द्वारा Raman रुह... - भाग 8 द्वारा Komal Talati उज्जैन एक्सप्रेस - 1 द्वारा Lakhan Nagar माँ का आख़िरी खत - 1 द्वारा julfikar khan घात - भाग 1 द्वारा नंदलाल मणि त्रिपाठी सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 द्वारा Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 द्वारा Neelam Kulshreshtha अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी