कहानी "बिराज बहू" में छोटी बहू मोहिनी अपने पति के क्रोध और हिंसा से परेशान होकर बिराज के पास आती है। वह बिराज से प्रार्थना करती है कि वह उसके पति को शाप न दें, क्योंकि वह उसकी चिंता करती है कि अगर कुछ हुआ तो वह जी नहीं सकेगी। बिराज मोहिनी को आश्वस्त करती है कि वह शाप नहीं देगी, क्योंकि उसके पति में बिराज का अहित करने की शक्ति नहीं है। मोहिनी बताती है कि उसके पति ने उसे मारा है, और वह उसकी इस आदत के लिए खुद को दोषी मानती है। बिराज को यह सुनकर दुःख होता है और वह मोहिनी की सहनशीलता पर सवाल उठाती है। मोहिनी का कहना है कि उसने बिराज से सहन करना सीखा है और अगर बिराज खुश नहीं होंगी तो उसके पति का अनिष्ट होगा। बिराज अंततः मोहिनी को क्षमा करने के लिए कहती है, जिससे मोहिनी खुशी-खुशी घर लौट जाती है। लेकिन बिराज खुद इस स्थिति को लेकर सोच में पड़ जाती है। कुछ दिनों बाद, मोहिनी फिर से बिराज से मिलने आती है, जो कि बिराज के लिए चिंता का विषय बन जाता है। इस कहानी में घरेलू हिंसा, सहनशीलता और रिश्तों की जटिलता को दर्शाया गया है, जहां मोहिनी अपने पति के प्रति अपनी निष्ठा को बनाए रखते हुए भी अपनी पीड़ा को सहती है। बिराज बहू - 9 Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां 16.6k 7k Downloads 16.9k Views Writen by Sarat Chandra Chattopadhyay Category सामाजिक कहानियां पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण दोपहर को सन्नाटा होने पर छोटी बहू रोती हुई आई और बिराज के पैरों पर गिर पड़ी। वहो दो दिनों इसी अवसर की तलाश में थी। पति को जो गलतफहमी हुई थी, उसी के भय से वह घबरा गई थी। रोती हुई बोली- “दीदी! उन्हें तुम शाप मत देना। उन्हें यदी कुछ हो गया तो मैं जी नहीं सकूंगी।” बिराज ने उसका हाथ पकड़कर उठाते हुए कहा- “बहन! मैं शाप नहीं दूंगी। उनमें इतनी शक्ति नहीं है कि मेरा कोई अहित कर सकें किन्तु तुम जैसी सती-लक्ष्मी पर निरपराध हाथ उठाना, उसे तो माँ दुर्गा भी सहन नहीं करेगी।” Novels बिराज बहू हुगली जिले का सप्तग्राम-उसमें दो भाई नीलाम्बर व पीताम्बर रहते थे। नीलाम्बर मुर्दे जलाने, कीर्तन करने, ढोल बजाने और गांजे का दम भरने में बेजोड़ था। उस... More Likes This देवर्षि नारद की महान गाथाएं - 1 द्वारा Anshu पवित्र बहु - 1 द्वारा archana ज़िंदगी की खोज - 1 द्वारा Neha kariyaal अधूरा इश्क़ एक और गुनाह - 1 द्वारा archana सुकून - भाग 1 द्वारा Sunita आरव और सूरज द्वारा Rohan Beniwal विक्रम और बेताल - 1 द्वारा Vedant Kana अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी