मंझली दीदी - 8 - अंतिम भाग Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें मंझली दीदी - 8 - अंतिम भाग मंझली दीदी - 8 - अंतिम भाग Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां (197) 14.8k 26.5k रात हेमांगिनी ने अपने पति को बुलाकर रुंधे गले से कहा, ‘आज तक तो मैंने तुमसे कभी कुछ नहीं मांगा, लेकिन आज इस बीमारी के समय एक भिक्षा मांगती हुं, दोगे?’ विपिन ने संदिग्ध स्वर में कहा, ‘क्या चाहती हो?’ ‘किशन ...और पढ़ेमुझे दे दो। वह बेचारा बहुत दुःखी है। उसके मां-बाप नहीं हैं। वह लोग उसे मार डालते हैं। यह मुझसे देखा नहीं जाता।’ विपिन ने कुछ मुस्कुराकर कहा, ‘तो आंखे मूंद लो। बस, सारा झगड़ा मिट जाएगा।’ कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें मंझली दीदी - 8 - अंतिम भाग मंझली दीदी - उपन्यास Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी - सामाजिक कहानियां (519) 332.8k 515.3k Free Novels by Sarat Chandra Chattopadhyay अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी Sarat Chandra Chattopadhyay फॉलो