मंझली दीदी - 5 Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ होम किताबें हिंदी किताबें सामाजिक कहानियां किताबें मंझली दीदी - 5 Manjali Didi - 5 book and story is written by Sarat Chandra Chattopadhyay in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Manjali Didi - 5 is also popular in Moral Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story. मंझली दीदी - 5 Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां (50) 39.1k 78.8k दूसरे दिन सवेरे ही किशन चुपचाप हेमांगिनी के घर पहुंचकर उसके बिस्तर पर पैरों की ओर जाकर बैठ गया। हेमांगिनी ने अपने पैर थोड़े से ऊपर खींच लिए और बड़े प्यार से कहा, ‘किशन, दुकान पर नहीं जाएगा?’ ‘अब जाऊंगा।’ ‘देर ...और पढ़ेकर भैया! इसी समय चला जा। वरना गालियां देने लगेंगी।’ किशन का चहेरा एक बार लाल पड़ा और फिर पीला पड़ा गया, ‘अच्छा जाता हूं,’ कहकर वह उठ खड़ा हुआ। उसने कुछ कहने की कोशिश की लेकिन फिर चुप हो गया। हेमांगिनी ने जैसे उसके मन की बात समझ ली, पूछा - ‘क्या मुझसे कुछ कहना चाहता है भैया?’ किशन ने जमीन की ओर देखते हुए बहुत ही कोमल स्वर से कहा, ‘मंझली दीदी! कल से कुछ भी नहीं खाया।’ कम पढ़ें पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें मंझली दीदी - 5 मंझली दीदी - उपन्यास Sarat Chandra Chattopadhyay द्वारा हिंदी सामाजिक कहानियां (520) 377.2k 569.1k Free Novels by Sarat Chandra Chattopadhyay अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी