इस कहानी में दीपांश और रेबेका की मुलाकात और उनके रिश्ते की जटिलताओं को दर्शाया गया है। दीपांश अपने फ्लैट में अकेला महसूस करता है, लेकिन रेबेका की यादें उसे अकेलापन महसूस नहीं करातीं। वह एक नाटक के अनुभव से लौटकर विचारों में डूबा है, जहाँ एक फकीर की बातें उसके मन में गूँज रही हैं। जब वह रेबेका से मिलने का फैसला करता है, तो दोनों के बीच की दूरी कम होती जाती है। वे इंडिया गेट के पास मिलते हैं और बातचीत करते हैं। रेबेका दीपांश से उस जगह ले चलने के लिए कहती है जहाँ उसने पहली बार "डॉमनिक" का किरदार निभाया था। वे चितरंजन पार्क के पुराने थिएटर पहुँचते हैं, जहाँ रेबेका को नाटक के पोस्टर पर नज़र अटक जाती है। दोनों एक-दूसरे की आँखों में अनकहा भाव पढ़ते हैं, और रेबेका दीपांश के साथ अपनी भावनाओं को साझा करती है। दीपांश उसे बाहों में भरकर छत पर चलने का सुझाव देता है, जिससे उनके बीच की निकटता और बढ़ जाती है। कहानी में प्रेम, यादें और रिश्तों की जटिलता का खूबसूरती से चित्रण किया गया है। डॉमनिक की वापसी - 26 Vivek Mishra द्वारा हिंदी प्रेम कथाएँ 1.7k Downloads 5.3k Views Writen by Vivek Mishra Category प्रेम कथाएँ पढ़ें पूरी कहानी मोबाईल पर डाऊनलोड करें विवरण रेबेका को छोड़कर फ्लैट पर पहुँचते हुए बहुत देर हो गई थी. उस रात वह अकेला होकर भी अकेला नहीं था. वहाँ से लौटकर लग रहा था कोई नाटक देखके लौटा है. उस फ़कीर की किस्सा कहती आँखें जैसे साथ चली आईं थीं. उसकी कही बातें अभी भी कानों में गूँज रही थीं, ‘हर समय में तुम्हें बनाने और मिटाने वाले तुम्हारे साथ-साथ चलते हैं। मुहब्बत के मददगार और उसके दुशमन एक ही छत की सरपस्ती में पलते हैं।’ फिर रेबेका सामने आ गई. याद आया ‘सच ही कह रही थी मेरा किरदार भी बूढ़ा होके उसी फ़कीर के जैसा दिखेगा... रेबेका ने अनंत से मिलाके ख़ुद को समझने का एक नया दरीचा खोल दिया, शायद वह जानते थे कि उस किस्सागो की बातों में कुछ है जो अपनी कई सौ साल पुरानी कहानी से मेरे मन की कोई फाँस निकाल देगा.’ Novels डॉमनिक की वापसी वो गर्मियों की एक ऐसी रात थी जिसमें देर तक पढ़ते रहने के बाद, मैं ये सोच के लेटा था कि सुबह देर तक सोता रहूँगा। पर एन उस वक़्त जब नींद सपने जैसी किसी ची... More Likes This सजा या साथ? - 1 द्वारा InkImagination Unexpected Love - 1 द्वारा Dark Moon मोहब्बत थी... या साज़िश ? 1 द्वारा parth Shukla कैंपस क्रश - 1 द्वारा Aditya Ahirwar एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा - 1 द्वारा Aradhana बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 1 द्वारा Maya Hanchate You Are My Life - Introduction द्वारा Butterfly अन्य रसप्रद विकल्प हिंदी लघुकथा हिंदी आध्यात्मिक कथा हिंदी फिक्शन कहानी हिंदी प्रेरक कथा हिंदी क्लासिक कहानियां हिंदी बाल कथाएँ हिंदी हास्य कथाएं हिंदी पत्रिका हिंदी कविता हिंदी यात्रा विशेष हिंदी महिला विशेष हिंदी नाटक हिंदी प्रेम कथाएँ हिंदी जासूसी कहानी हिंदी सामाजिक कहानियां हिंदी रोमांचक कहानियाँ हिंदी मानवीय विज्ञान हिंदी मनोविज्ञान हिंदी स्वास्थ्य हिंदी जीवनी हिंदी पकाने की विधि हिंदी पत्र हिंदी डरावनी कहानी हिंदी फिल्म समीक्षा हिंदी पौराणिक कथा हिंदी पुस्तक समीक्षाएं हिंदी थ्रिलर हिंदी कल्पित-विज्ञान हिंदी व्यापार हिंदी खेल हिंदी जानवरों हिंदी ज्योतिष शास्त्र हिंदी विज्ञान हिंदी कुछ भी हिंदी क्राइम कहानी